इस वेबसाइट का प्रमुख एवं एक मात्र उदेश्य आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए सम्पूर्ण
भातु समाज जो की छोटे-छोटे स्थानों व् विभिन्न जातियों व् रूपों में अवस्थित हे को
एक सूत्र में बांधते हुए आपसी संवाद-विचार विमर्श को बढ़ावा देना ताकि सम्पूर्ण भातु
समाज को विभुक्त जाति के रूप सच्चा न्याय मिल सके तथा सामाजिक, आर्थिक, शेक्षिक, वैवाहिक
एवं व्यावसायिक विकास किया जा सके|
यह वेबसाइट विशेष कर भातु समाज के इतिहास को संजोते हुए व् अग्रेजों द्वारा 1871 में
काला कानून लगाने से लेकर स्वतंत्र भारत में भातु समाज को मिली अन्यायपूर्ण निति के
विरुद्ध संघर्ष की गाथा होगी एवं युवा पीढ़ी को बढ़ावा देने हेतु सम्पूर्ण भातु समाज
को समर्पित हें|
रमन भातु
Bhantu
यदुँवशी भाटी राजपुतो की लगभग दो सौ शाखाओ, उपशाखाओ में से एक शाखा से सम्पूर्ण भाँतु
समाज की उत्पक्ति हुर्इ। तेरहवी शताब्दी से पहले कंजर भाँतु व चौदहवी शताब्दी के लगभग
साँसी जाति के ऐतिहासिक तथ्य प्रमाणित है। भाटी वीर राजपुत गजनी व भटनेर के ऐतिहासिक
शाके के बाद राज्यच्युत भाटी सतलज नदी घाटी से पूर्व की ओर के लाखी जंगल में खानाबदोशो
[...]
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Gotra
यहाँ भाँतु समाज को मुख्य रूप से तीन भाँगों में बाँटा गया है - भाँतु, साँसी भाँतु
व कंजर भाँतु के प्रचलित रूप में। इन जाँतियाँ में भी मुख्य रूप से माल्हा व बिड्डू
रूप दो भाँगों में बँटा हुआ है जिनमें आपस में वैवाहिक संबंध स्थापित होते है। साँसी
भाँतु में खानाबदोश जीवन व्यतित के समय नाला, बागड़ नामक स्थानों व बालाबक्षु व थलेटिये
शब्द किसी परिस्थिति में रहने के कारण माल्हा व बिडडू के कई गोत्र [...]
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Personality
The Famous, Popular and Dedicated Bhantu social workers, and Living Legends Mahatama
Roshan Dhan Dhan Satguru in Bhantu Samaj and Most Glorius Sansi Legends Maharaja
Ranjeet Singh, Sultana Bhantu, Bijori kanjri - famous historical nat dancer of Bhantu
Gippsy Tribe (Gurjar Ancestor 24 Bagdawat time), Sonchidi (famous bhatu nat dancer
jalore king kanhaddev time).